Monday, April 6, 2009

आज ही घर में बोरिया न हुआ…

पिछली कड़ी-बिस्तर बिछौने का बंदोबस्त...

... बोरिया-बिस्तर में कुल मिला कर  बांधना, समेटना, उठाना और चल पड़ना का भाव ही है...  a-camels-burden

ग़ा लिब का प्रसिद्ध शेर है -है खबर गर्म उनके आने की,आज ही घर में बोरिया न हुआ। बिस्तर शब्द के साथ अक्सर बोरिया शब्द भी जोड़ा जाता है-बोरिया बिस्तर। इस शब्दयुग्म में समूची गृहस्थी की व्यंजना है। बोरिया-बिस्तर समेटना, बोरिया-बिस्तर संभालना जैसे मुहावरों का मतलब होता है अपना काम-काज समेटना। रुख़सत की तैयारी करना। कुल मिला कर इसमें  बांधना, समेटना, उठाना और चल पड़ना का भाव ही है। बोरिया का सही अर्थ भी यही है, जिसे ढो कर ले जाया जा सके।
बोरिया भी फारसी का लफ्ज है और बोरिया-बिस्तर भी। फारसी में बोरिया का मूलार्थ वही है जो हिन्दी में बिछौना का है अर्थात बिछायत। इसमें चटाई का अर्थ प्रमुख है। खास तौर पर खजूर से बनी चटाई। बोरिया किसी भी किस्म की अभ्यर्थना या आतिथ्य संस्कार से जुड़ा उपकरण नहीं है क्योंकि फारसी में फ़कीर को बोरियानशीं कहा जाता है। फ़कीर अर्थात भिक्षुक के नसीब में सीधे फर्श पर बैठने की जगह अगर चटाई है तो यह उसकी खुशकिस्मती ही कही जाएगी। वह चाहे राह में धूनि रमाए चाहे किसी घर के आंगन में, वह बैठेगा फर्श पर ही। जाहिर है बोरिया एक बेहद सादा बैठने का आसन है जिसे ज़मीन पर बिछाया जाता है। गौर करें, बिस्तर की तरह चटाई को भी गोल तह कर रखा जाता है उसके बाद उसे बांधा भी जाता है ताकि उसे कहीं भी ले जाया जा सके।
जन उठाने की थैलियों के लिए हिन्दी में बोरी शब्द आमफ़हम है। यूं फारसी में छोटी बोरी के लिए भी बोरिया शब्द का प्रचलन है। हिन्दी का बोरा या बोरी शब्द इसी सिलसिले की कड़ी हैं। बोरी या बोरा खजूर, जूट के रेशों से बनी उन थैलियों को कहते हैं जिन्हें अनाज या गल्ला ढोने के काम में लिया जाता है। व्यापारिक शब्दावली जाननेवाले आम हिन्दी भाषी बारदाना शब्द से भी परिचित होंगे। बारदाना यूं समुच्चयवाची शब्द है जिसका मतलब होता है जूट की बोरियां। व्यापार जगत में बारदाना का बहुत बड़ा कारोबार है क्योंकि हर तरह की ढुलाई का काम बारदाना के जरिये ही होता है। फारसी में बारदाना का अर्थ होता है बोझा उठाने से संबंधित सामान। बारदानः इसका शुद्ध रूप है।
ये तमाम शब्द बने है इंडो-यूरोपीय धातु bher से जिसमें बोझ उठाना, या ढोना जैसे भाव हैं। संस्कृत में एक धातु है भृ जिसकी व्यापक अर्थवत्ता है मगर मोटे तौर पर उसमें संभालने, उठाने, भरने आदि का भाव है। इससे ही बना है भारः शब्द जिसका अर्थ होता है वज़न, बोझ, परिमाण,

packaging... बोरी, बारदाना का अर्थ फूलदान की तरह समझें। फूल रखने का पात्र फूलदान है उसी तरह बार यानी भार रखने की वस्तु बारदान है, बोरा है या बोरी है।...

तौल आदि। भारवाहक, भारवाही आदि शब्दों पर गौर करें। वजनी के अर्थ में भारी शब्द इससे ही निकला है। इसी से मिलता-जुलता शब्द है इंडो-ईरानी परिवार की भाषा अवेस्ता का बार शब्द जिसमें ले जाना, उठाना, ढोना जैसे भाव हैं। फारसी के बारदाना का जो मूल भाव है ढोना, ले जाना की तुलना अंग्रेजी के बर्डन burden से करें। यह bher से ही निकला है। गोथिक baurþei से जर्मन बर्द bürde बना और अंग्रेजी में यह बर्डन burden हो गया जिसका अर्थ होता है बोझा, वजन आदि। इसका ज्यादातर प्रयोग मात्रा के संदर्भ में होता है मसलन काम का बोझ, मानसिक बोझ आदि। हिन्दी में बर्डन शब्द खूब इस्तेमाल होता है। बोरी, बारदाना का अर्थ फूलदान की तरह समझें। फूल रखने का पात्र फूलदान है उसी तरह बार यानी भार रखने का पदार्थ बारदान है, बोरा है या बोरी है। बोरिया का अर्थ यहा पूरी तरह स्पष्ट हो जाना चाहिए। वह आसन, जिसे बांध कर ले जाया जा सके या बिछायत की वह व्यवस्था जिसे ढो कर ले जाया जा सके। 

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17 कमेंट्स:

Himanshu Pandey said...

ऐसे सामान्य घुले-मिले शब्दों का इतना सम्यक परिचय प्रशंसनीय है।
धन्यवाद ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

मित्रवर वडनेकर जी!
बोरी, बोरिया की तह में जाकर आपने इस शब्द का सुन्दर विवेचन प्रस्तुत किया है। इन प्रचलित शब्दो क विश्लेषण करने के लिए आपको धन्यवाद।

दिनेशराय द्विवेदी said...

बोरियानशीं, पसंद आया। याद आए तुलसी।
मांग के खायबो, मसीद को सोयबो......

विजय गौड़ said...

बोर तो नहीं हुआ, पर बोराने न लग जाऊं।
यहां जो यह बोर शब्द आ रहा है, इसका क्या मामला है ?

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

आज मुझे जल्दी बोरिया बिस्तर समेटना पड़ रहा है क्योकि बेटी को लेने जाना है नैनीताल

Dr. Chandra Kumar Jain said...

अजित जी,
राजस्थान में महिलाएँ
शीश पर 'बोरिया' धारण करती हैं,
उसका सफ़र के इस बोरिया से कोई संबंध....?
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डॉ. चन्द्रकुमार जैन

परमजीत सिहँ बाली said...

अच्छा ज्ञानवर्धन हुआ।्धन्यवाद।

किरण राजपुरोहित नितिला said...

Ajit sa
bori ke safar ne bor nahi kiya balki khoob raochak laga.
Rajasthani har jati ke mahilaon ke mathae par bandhe jane vale suhag chinh ko bhi bor,boria or rakhadi kaha jata hai. ye alag jatiyon me aakar prakar me thoda bahut bhinn hota hai par har jati me boria hi kaha jata hai.
is bor ki ristedari us bor se hai kya?
kiran rajpurohit

रंजना said...

रोचक व सुन्दर ज्ञानवर्धक जानकारी सदैव की भांति...
बहुत बहुत आभार..

रागिनी said...

सार्थक जानकारी ! सुंदर ब्लॉग!

अजित वडनेरकर said...

डॉ चंद्रप्रकाश जैन/kiran rajpurohit
सफर की ये कड़ी पसंद करने के लिए शुक्रिया साथियों। दिनभर मीटिंग में व्यस्त रहा, सो टिप्पणियां नहीं देख पाया। आपने स्त्रियों के आभूषण बोर की बात कही है वह महत्वपूर्ण है मगर इसका रिश्ता भारः अर्थात वजन की ढुलाई वाले अर्थ वाले बोरिया, बोर से नहीं जुड़ता है। इसकी एक अलग व्युत्पत्ति है। दिलचस्पी बनी रहे इसके लिए कुछ इंतजार करें, एक अलग पोस्ट का।

अजित वडनेरकर said...

विजय गौड़
शुक्रिया दोस्त। बौराना शब्द की इस बोरिया या बोरी से रिश्तेदारी नहीं है। अलबत्ता जब मन बौराता है तो हर बोझ हल्का महसूस होता है:) इस बौर के दिलचस्प सफर पर भी आप पोस्ट पढ़ेंगे। कुछ इंतजार...

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

बोरी - बिस्तर हम कई बार बोलते हैं - आज आपने उसका उद्गम भी बता दिया - आभार

डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल said...

बहुत उपयोगी जानकारी उतने ही रोचक तरीके से दी है. बधाई. अगली कड़ी का इंतजार है.

Rajeev (राजीव) said...

भृ, भार, बार, बर्द, बर्डन, बोरा से बोरिया बिस्तर तक की सैर भी खूब रही।

भाई, हम तो बोरिया-बिस्तर बाँध कर आपके साथ शब्दों के अनवरत सफर पर हैं। कभी-कभी विश्राम के लिये सराय में रुक जाते हैं, और पुन: आपके साथ लग लेते हैं।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

क्या बोरियत का भी इस बोरिया-बिस्तर से कोई रिश्ता है?

मोहन वशिष्‍ठ said...

अच्‍छी जानकारी दी है आपने बोरियों के बारे में धन्‍यवाद

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